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पश्चिम बंगाल में बीएसएफ ने मानवी वाहतुक में लिप्त दो कुख्यात महिला दलालों को पकड़ा, 100 से ज्यादा महिलाओं को बना चुकी हैं शिकार

तारीख: 10 मई, 2021
स्रोत (Source): दैनिक जागरण

तस्वीर स्रोत: Google Image

स्थान: पश्चिम बंगाल

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत बांग्लादेश सीमा से सटे जालंगी इलाके से दो कुख्यात महिला दलालों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों का कहना है कि ये दोनों भारतीय महिलाएं लंबे समय से मानवी वाहतुक में लिप्त रही हैप्रारंभिक जांच में पता चला है कि मानवी वाहतुक में शामिल दोनों महिला दलाल अब तक 100 से ज्यादा गरीब व भोली-भाली महिलाओं एवं लड़कियों को मानव तस्करी का शिकार बना चुकी हैं. इनमें अधिकतर बांग्लादेशी महिलाएं हैं, जिन्हें भारत में अच्छी नौकरी व पैसे का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार करा कर कोलकाता, मुंबई व बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में देह व्यापार के धंधे में भेजा जाता है. सीमा के दोनों तरफ मानवी वाहतुक में शामिल गिरोहों से इन महिलाओं का संपर्क है. 

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से रविवार को एक बयान में बताया गया कि आठ मई की सुबह बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सूचना मिली कि मुर्शिदाबाद में सीमा चौकी फर्जीपारा, 141वीं वाहिनी के इलाके में मानवी वाहतुक में शामिल महिला दलाल अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके बांग्लादेश जाने की फिराक में है. इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने सीमा चौकी फर्जीपारा के कमांडर के साथ मिलकर एक प्लान बनाया. दोपहर लगभग 12:15 बजे दो संदिग्ध महिलाएं बांग्लादेश की ओर जाती दिखीं, जिनको बीएसएफ ने पकड़ लिया तथा पूछताछ के लिए सीमा चौकी फर्जीपाड़ा में लेकर आए.

दोनों ने पूछताछ में मानवी वाहतुक के सिंडिकेट में शामिल कुछ अपराधियों के नामों का भी खुलासा किया. इनमें तुहीन शेख, रिपेनव शाहबुद्दीन शामिल हैं, जो मुर्शिदाबाद जिले के जालंगी थाना क्षेत्र का रहने वाले है. दोनों महिलाओं ने आगे खुलासा किया कि उपरोक्त सिंडिकेट के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से पिछले कुछ वर्षों में 100 से अधिक पुरुषों व महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को आर-पार करा चुकी हैं.

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि आगे दोनों महिलाओं ने खुलासा किया कि ये सिंडिकेट सीमा आर- पार कराने के लिए 5,000 से 15,000 रुपये प्रति व्यक्ति तक लेता है. बीएसएफ को इनके पास से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पासबुक भी मिली है, जिसमें प्रति महीने लगभग चार लाख रुपए का पिछले कुछ वर्षों से लेन-देन होता रहा है.

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