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गन्ने के खेतों में काम के बदले सिर्फ भोजन दे:सहरिया समुदाय के 69 बंधुआ मजदूर महाराष्ट्र से मुक्त कराए

तारीख: 08 दिसंबर, 2021
स्रोत (Source): भास्कर

तस्वीर स्रोतभास्कर

स्थान : महाराष्ट्र

सहरिया समुदाय के लोगों को जबरन मजदूरी के लिए राजस्थान ले जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं. अब महाराष्ट्र लेकर जाकर उनके श्रम का शोषण किए जाने का मामला सामने आया है. पुलिस ने ऐसे 69 मजदूरों को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में कागज तहसील के गांव नदी किनारा से मुक्त कराया है, जिनसे वहां अमानवीय हालात में काम कराया जा रहा था. इनमें महिला, पुरुष और बालक भी शामिल थे.

 

एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि इन लोगों को काम के बदले सिर्फ भोजन दिया जाता था. उन्हें किसी तरह की मजदूरी नहीं दी जा रही थी. जब उन्होंने विरोध किया तो दबंग किसानों ने उनको बंधक बना लिया. उनके कहीं भी आने जाने पर रोक लगा दी गई. इनके गांवों के अन्य लोगों से जानकारी मिलने के बाद एसपी ने कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए को जानकारी दी. कलेक्टर ने उन्हें लाने के लिए एक वाहन का इंतजाम कराया. इसके बाद उनकी घर वापसी हुई. उन्हें फिलहाल जज्जी के रैन बसेरा में रखा गया है.

 

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि इस मामले में 1976 के एक्ट के तहत कार्रवाई हो. पहले तो हर पीड़ित को तुरंत 20 हजार की मदद दी जाए. इसके बाद एसडीएम की ओर से बंधुआ मुक्ति प्रमाणपत्र जारी हो. तीसरे उनके पुनर्वास के लिए मदद दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों को गुना से महाराष्ट्र तक ले जाने वाले लोगों की पहचान की जाना चाहिए. यह मामला मानवी वाहतुक का भी है. उन्होंने कहा कि अगर प्रक्रिया का पालन नहीं होता है तो मोर्चा की ओर से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी.

 

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