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बिहार के आमस में दो लग्जरी बसों से 17 बाल श्रमिक मुक्त, दो गिरफ्तार

तारीख: 25 जून, 2021
स्रोत (Source): हिन्दुस्तान

तस्वीर स्रोत : हिन्दुस्तान

स्थान : बिहार

गया जिले के आमस के सांव टोल के पास जीटी रोड से शुक्रवार (25 जून) को दो अलग अलग लग्जरी बसों से बिहार व झारखंड के 17 बाल मजदूर मुक्त कराये गये हैं. इनमें चंदन, विकेश, निरज, उमेश, रंजय, पंकज व राकेश सहित सात गया जिले के फतेहपुर ब्लॉक के विनोबानगर गांव के रहने वाले हैं. जबकि अन्य दस झारखंड के चतरा जिले के नरकुआं गांव के निवासी हैं.

इन सभी की उम्र 15 वर्ष भी कम है. वहीं बसों से बाल मजदूरों के लिए दिल्ली लेकर जा रहे फतेहपुर के जावेद व चतरा के नरकुआं निवासी अनिल कुमार को हिरासत में लिया गया है. इनसे मानवी वाहतुक में शामिल अन्य दलालों के बारे में संस्था के लोगों ने पूछताछ की और विशेष जानकारी के लिए अपने साथ गया ले गए.

मुक्त कराए गए सभी बाल श्रमिक जिले के बाल कल्याण समिति में भेजे गये हैं. बालकों ने अधिकारियों को बताया कि दलालों ने उनके माता-पिता को प्रति माह पांच हजार रुपये देने का लालच दिया था. उन्हें दिल्ली की चूड़ी फैक्ट्री में मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा था. दलालों ने माता-पिता को काम के साथ बालकों को पढ़ाने की भी बात कही थी.

कोरोना काल में गरीब बालकों को राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तालिनाडू आदि प्रदेशों की फैक्ट्रियों में बाल मजदूरी कराने के लिए बालकों का वाहतुक किया जा रहा है. यह कार्रवाई सेंटर डायरेक्ट स्वयंसेवी संस्था के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर की. एसआई दिलिप सिंह ने बताया कि संस्था के अधिकारियों के बयान के बाद दलालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.    

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