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प्रयागराज में बचपन बचाओ आंदोलन की पहल से 33 नाबालिग बालकों को बचाया गया

तारीख: 25 जून, 2021
स्रोत (Source): अमर उजाला

तस्वीर स्रोत : अमर उजाला

स्थान : उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में शुक्रवार (25 जून) को नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन और चाइल्ड हेल्पलाइन की सूचना पर नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस से 50 बालकों को उतारा गया. इन बालकों के बारे में कैलाश सत्यार्थी ने मानवी वाहतुक का अंदेशा जताते हुए ट्वीट भी किया था. 

नार्थईस्ट एक्सप्रेस प्रयागराज दोपहर 12:26 बजे प्लेटफार्म नंबर 3 पर पहुंची. इसके बाद पहले से जंक्शन पर मौजूद जीआरपी व आरपीएफ ने पूरी ट्रेन को घेर लिया. इसके बाद जंक्शन पर अफरा-तरफ मच गई. बालकों की तलाश की गई तो कई टीमों में बंटे बालक अलग-अलग बोगियों में मिले. सभी को स्टेशन पर उतारा गया. इस दौरान चाइल्ड लाइन के मजिस्ट्रेट, जिला प्रोबेशन अधिकारी भी मौजूद रहे. पूछताछ में पता चला कि उतारे गए बालकों में से कुछ बालक पश्चिम बंगाल और कुछ बालक बिहार के रहने वाले हैं. इनमें 33 नाबालिग और 17 लोग बालिग बताए जा रहे हैं. इन बालकों को कानपुर और आनंद बिहार ले जाया जा रहा था. 

इंस्पेक्टर जीआरपी राम मोहन राय ने बताया कि उतारे गए बालकों में से 33 नाबालिग हैं और जो उनके साथ चल रहे थे उनमें से 17 लोग बालिग हैं. इनमें से कुछ लोग अपने को बालकों का रिश्तेदार बता रहे हैं. जीआरपी इंस्पेक्टर ने बताया कि चाइल्ड लाइन को सूचना मिली थी कि नार्थइस्ट एक्सप्रेस में बड़ी संख्या में बालकों को बाहर लेकर जाया जा रहा है. सूचना पर तत्काल एक्शन लिया गया और ट्रेन के आने पर घेराबंदी की गई. इसके बाद बालकों को ट्रेन से उतारा गया. पूछताछ में पता चला कि कुछ बालकों को पंजाब के लुधियाना में सिलाई और मोमोज के काम के लिए ले जाया जा रहा था.

बालकों को ले जा रहे लोगों ने बालकों को 11 टीमों में बालकों को अलग-अलग बांट रखा था. हर टीम को एक वयस्क व्यक्ति लीड कर रहा था. पकड़े जाने के बाद पूछताछ में बताया गया कि उन्हें मदरसे में पढ़ाने के लिए ले जाया जा रहा था.    

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