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पोकसो अधिनियम के तहत दर्ज 99 प्रतिशत से अधिक अपराधों की पीड़ित लड़कियों थी: एनसीआरबी

तारीख: 11 अक्टूबर, 2021
स्रोत (Source): नवभारत टाइम्स

तस्वीर स्रोत : नवभारत टाइम्स

स्थान : नई दिल्ली

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज 99 प्रतिशत से अधिक अपराध के मामलों में पीड़ित लड़कियां थीं, जो दर्शाता है कि लड़कियां अब भी समाज के सबसे संवेदनशील तबकों में से एक का हिस्सा हैं.

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राय) द्वारा किए गए एनसीआरबी के आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि पॉक्सो के तहत दर्ज 28,327 मामलों में से 28,058 में पीड़ित लड़कियां थी. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के गहन विश्लेषण में पता चला कि 16 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के खिलाफ सबसे अधिक 14,092 अपराधों को और उसके बाद 12 से 16 आयु वर्ग की लड़कियों के खिलाफ 10,949 अपराधों को अंजाम दिया गया.

लड़के और लड़कियां दोनों ही लगभग समान रूप से दुर्व्यवहार का शिकार हुए, हालांकि एनआरसीबी के आंकड़ों के अनुसार सभी आयु-वर्ग में लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक लैंगिक अपराधों का शिकार हुईं.

‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ के मौके पर ‘क्राय’ ने कहा कि दुनियाभर में लड़कियों के अधिकारों की बात की जाती है, लेकिन फिर भी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वे अब भी समाज के सबसे संवेदनशील तबकों में से एक का हिस्सा हैं. एनसीआरबी की ओर से पिछले महीने जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पॉक्सो अधिनियम के तहत 2020 में दर्ज किए गए 99 प्रतिशत से अधिक मामलों में पीड़ित लड़कियां थीं. 

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