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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पोकसो एक्ट के तहत होने वाले अपराधों में आरोपियों के जमानत प्रार्थनापत्रों पर बाल कल्याण समिति को नोटिस देने की समय सीमा तय कर दी

तारीख: 14 जुलाई, 2021
स्रोत (Source): अमर उजाला

तस्वीर स्रोत : अमर उजाला

स्थान : उत्तर प्रदेश

एक महत्वपूर्ण निर्णय में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पोकसो एक्ट के तहत होने वाले अपराधों में आरोपियों के जमानत प्रार्थनापत्रों पर बाल कल्याण समिति को नोटिस देने की समय सीमा तय कर दी है. इसके बाद ही हाईकोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया जाएगा. सिद्धार्थनगर के जुनैद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अपने विस्तृत आदेश में इससे संबंधित गाइड लाइन तय की है. कोर्ट ने कहा है कि शासकीय अधिवक्ता कार्यालय को जमानत प्रार्थनापत्र का नोटिस प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर स्थानीय पुलिस अपने जिले की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को नोटिस तामील कराए और पांच दिनों के भीतर यह नोटिस पीड़ित बालक के परिवार वालों को उपलब्ध कराया जाए. जमानत प्रार्थनापत्र की सुनवाई के समय सीडब्ल्यूसी और स्थानीय पुलिस अपनी रिपोर्ट और निर्देश कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे. जमानत प्रार्थनापत्र को नोटिस देने के बाद दस दिन का समय पूरा होने पर सुनवाई के लिए कोर्ट के सामने पेश किया जाए. कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि इस आदेश का पालन किया जाए और अनुपालन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए. कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सीडब्ल्सूसी की रिपोर्ट जमानत प्रार्थनापत्र की सुनवाई के समय प्रस्तुत की जाए तथा इसमें  लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पीड़ित बालक के परिवार वालों को जमानत प्रार्थनापत्र में उनके नाम से पक्षकार बनाया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पीड़ित बालक की पहचान से संबंधित कोई जानकारी उसका पता, आस पड़ोस आदि की जानकारी जमानत प्रार्थनापत्र में दी जाए.

शासकीय अधिवक्ता इनको देंगे नोटिस

हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी, हाईकोर्ट

स्टेट लीगल सर्विस अर्थारिटी, लखनऊ

प्रमुख सचिव, न्याय, उत्तर प्रदेश सरकार

डीजीपी यूपी

महानिबंधक हाईकोर्ट इस आदेश को बालकों को लैंगिग अपराधों से संरक्षण के मामलों के लिए गठित हाईकोर्ट की समिति और किशोर न्याय कानून की मॉनिटरिंग के लिए गठित समिति और हाईकोर्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. कोर्ट ने उपरोक्त मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याची जुनैद की जमानत अर्जी शर्तों के साथ स्वीकार कर ली है कि वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेगा और मुकदमे के विचारण में सहयोग करेगा. 

 

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